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Bellbottom Movie Review: अपने होमग्राउंड पर लौटे अक्षय कुमार, थिएटर्स के लिए परफेक्‍ट है ये रॉ एजेंट

Sanjeev Gautam,19 August 

Bellbottom Movie Review: अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ही वह बॉलीवुड स्‍टार हैं ज‍िन्‍होंने फिर से स‍िनेमाघरों में अपनी फिल्‍म र‍िलीज की है. 'बेलबॉटम' (Bellbottom) के साथ अक्षय कुमार ने अपने चरि-परिचित अंदाज में फिर से बड़े पर्दे पर एंट्री मारी है. अब इस फिल्‍म के ल‍िए अक्षय को ताल‍ियां म‍िलती हैं या ताने, इसके लिए आपको ये र‍िव्‍यू पढ़ना चाहिए.



Bellbottom Movie Review: अपने होमग्राउंड पर लौटे अक्षय कुमार, थिएटर्स के लिए परफेक्‍ट है ये रॉ एजेंट

अक्षय कुमार की 'बैलबॉटम' 19 अगस्‍त को र‍िलीज हो रही है.

Bellbottom Movie Review: कोरोना वायरस के चलते स‍िनेमाहॉल लंबे समय से बंद हैं और बड़े-बड़े स‍ितारे अपनी फिल्‍मों को लेकर OTT का रुख कर चुके हैं. लेकिन ऐसे में अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ही वह बॉलीवुड स्‍टार हैं ज‍िन्‍होंने फिर से स‍िनेमाघरों में अपनी फिल्‍म र‍िलीज की है. मेकर्स का ये फैलसा बदलते हालातों और ढीले पड़ते लॉकडाउन के न‍ियमों को ध्यान में रखते हुए भले ही ल‍िया गया हो, लेकिन ये एक ‘बड़ा र‍िस्‍क’ साब‍ित हो सकता है. ‘बेलबॉटम’ (Bellbottom) के साथ अक्षय कुमार ने अपने चरि-परिचित अंदाज में फिर से बड़े पर्दे पर एंट्री मारी है. अब इस फिल्‍म के ल‍िए अक्षय को ताल‍ियां म‍िलती हैं या ताने, इसके लिए आपको ये र‍िव्‍यू पढ़ना चाहिए.

Trailer👇



कहानी:

‘बैलबॉटम’ की कहानी इंदिरा गांधी के शासनकाल की है जब आतंकियों ने एक के बाद एक प्‍लेन-हाइजैक कर कुख्‍यात आतंकियों को भारत की जेल से छुड़ाने की कोशिश की थी. ऐसे में एक और हाईजैक होता है और फिर से राजनीतिक लोग नेगोस‍िएशन का सुझाव देते हैं. लेकिन ऐसे में सामने आता है रॉ एजेंट ‘बैलबॉटम’ (अक्षय कुमार) जो इस तरह के मामलों का एक्‍सपर्ट है. बैलबॉटम, मैडम पीएम से नेगोस‍िएशन करने से इंकार करने की अपील करता है और अब उसका म‍िशन है 210 बंधकों को बचाना और उन्‍हें बंधक बनाने वाले चारों आतंकियों को पकड़ना. इसी रेस्‍क्‍यू म‍िशन के लिए बैलबॉटम के पास हैं बस 7 घंटे हैं.

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बैलबॉटम के साथ अक्षय कुमार ने अपने हॉमग्राउंड में वापसी की है. स्‍पाई-थ्र‍िलर-ड्रामा जॉनर में अक्षय कुमार इससे पहले भी नजर आ चुके हैं और वह अपने इस अंदाज में काफी जंचते भी हैं. स्‍पाई का स्‍टाइल‍िश अवतार और बीच-बीच में वनलाइनर वाला ह्यूमर, अक्षय की ये पसंदीदा जगह है और इस फिल्‍म में आपको ये सब म‍िलेगा. ये कहानी सच्‍ची घटना पर है, लेकिन मनोरंजन के लिए ली गई ल‍िबर्टी साफ द‍िखती है जो काफी हद तक पच जाती है. ओटीटी का पता नहीं लेकिन ये फिल्‍म स‍िनेमाघर को ध्‍यान में रखकर बनाई गई है और आप जब थ्री-डी में इसका क्‍लाइमैक्‍स सीन देखेंगे तो सच कहूं, मजा आ जाएगा.

अक्षय कुमार की ये फिल्‍म स्‍पाई-थ्र‍िलर है.

फिल्‍म में सस्‍पेंस है, लेकिन कुछ सस्‍पेंस-सीन ऐसे हैं जो आप फिल्‍म के रॉ एजेंट (अक्षय कुमार) से पहले ही भांप जाएंगे. दरअसल इस जॉनर की कई फिल्‍में पहले ही बन चुकी हैं और एक दर्शक के तौर पर आपका द‍िमाग पहले ही सस्‍पेंस क्रैक करने के ल‍िए दौड़ने लगता है. ऐसे में जब अक्षय से पहले आपको पता चल जाता है कि ‘चौथा आतंकी कहां है’ तो फिर सस्‍पेंस का क्‍या मतलब हुआ. कहानी का पूरी तरह एक ही एजेंट के इर्द-ग‍िर्द घूमना ज‍िसके हाथ में पूरा म‍िशन दे द‍िया गय है, ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो खटक सकती हैं. लेकिन ये मास के लिए बनाई गई एक एंटरटेन‍िंग फिल्‍म है जो अपना ये पर्पज बखूबी पूरा करती है. फिल्‍म का बैकग्राउंड स्‍कॉर अक्षय के सीन्‍स को और भी लार्जर देन लाइफ बना देता है.

वाणी कपूर, अक्षय कुमार की पत्‍नी के क‍िरदार में हैं.

एक्टिंग की बात करें तो फिल्‍म अक्षय कुमार की है. हीरोइनें तीन हैं, लारा दत्ता, हुमा कुरैशी और वाणी कपूर, लेकिन काम तीनों का ही कुछ-कुछ ह‍िस्‍से में है. हां, लारा दत्ता के मेकअप की तारीफ पहले ही हो चुकी है, अपने क‍िरदार में भी वह काफी सशक्‍त रही हैं. वाणी कपूर अपने छोटे से क‍िरदार में ठीक-ठाक हैं और यही लाइन आप हुमा के लिए कॉपी कर सकते हैं. इस फिल्‍म को blogger eye की तरफ से 4 स्‍टार. bloggereyepost पर ऐसी ही और मजेदार टीवी सीरियल व movie review पढ़ने के लिए इस link पर क्लिक करें👈

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